मुक्तपुरुष

 


MUKTPURUSH (मुक्तपुरुष)


Collection of Maithili Research Papers Criticism by Dr. Umesh Mandal 

प्रकाशक : पल्लवी प्रकाशन  

तुलसी भवन, जे.एल.नेहरू मार्ग, वार्ड नं. 06, निर्मली 

जिला- सुपौल, बिहार : 847452 


वेबसाइट : http://pallavipublication.blogspot.com 

ई-मेल : pallavi.publication.nirmali@gmail.com 

मोबाइल : 6200635563; 9931654742  


प्रिन्ट : मानव आर्ट, निर्मली (सुपौल)

आवरण : श्रीमती पुनम मण्डल, निर्मली (सुपौल)  बिहार : 847452  


दाम : 400/- (भा.रू.) 

सर्वाधिकार © डॉ. उमेश मण्डल 

द्वितीय संस्करण : 2022 (पहिल संस्करण : 2021)  


ISBN : 978-93-93135-07-0


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पोथीक बहन्ने   

डाक्टर उमेश मण्डल मैथिली जगतक एकटा चिर परिचित नाम छथि। मूलतः बेरमा गामक निवासी ओ मैथिलीक प्रतिष्ठित एवम् यशस्वी साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद मण्डलक पुत्र छथि। जाहि जतनसँ ओ अपन पिताक मैथिली रचनासभक पाण्डुलिपिकेँ पोथीमे परिणत करैत छथि तकर दोसर उदाहरण नहि देखल जाइत अछि। जगदीश बाबू भोरहरवामे रचना करैत छथि, भोरे ओ उमेशजी लग निर्मली पहुँचि जाइत अछि आ ओही रातिमे ओ टंकित भए किताबक अंग भए जाइत अछि। ई क्रम कोनो एक-दिन-दू-दिनक नहि अपितु सालोसँ चलि रहल अछि। सोचएबला बात छैक जे उमेशजीकेँ अनवरत मैथिलीक सेवा एहन समर्पणसँ करबासँ की भेटैत छनि? बहुत किछु भेटैत छनि। सभसँ बेसी तँ मोनमे संतोख होइत छनि जे मैथिली साहित्यक एक अनन्य सेवक आ अभूतपूर्व रचनाकार श्री जगदीश बाबूक रचनासभकेँ समाजक सामने आनएमे ओ योगदान करैत छथि, एकदम निस्वार्थभावसँ। ताहिपरसँ पिताक प्रति हुनकर सिनेह तँ झलकिते अछि। हे चलू अपन पिताक काजकेँ आगू करैत छथि तँ बूझल जा सकैत अछि जे ओ हुनका प्रतिए अपन कर्तव्येक पालन कए रहल छथि। मुदा से बात नहि छैक, हुनकर अतिरिक्त अनेको मैथिली रचनाकारक पाण्डुलिपिकेँ पुस्तकाकार देबामे जे हिनकर योगदान रहल अछि ताहिपर बहुत अन्वेषणक काज नहि पड़त। एहन किताबसभक संख्या सताधिके होएत, कम नहि जे उमेशजीक सहयोगसँ प्रकाशित भए सकल नहि तँ सालक-साल पड़ले रहैत। हमरो पहिल पुस्तक, ‘भोरसँ साँझ धरि’क टंकणसँ लए प्रकाशन धरिक काज ओएह केलथि। एहि यज्ञमे हुनकर श्रीमतीजी आ बच्चासभ सेहो लागल रहैत अछि। हिनकर सभक समेकित प्रयासक नाम भए गेल अछि- ‘पल्लवी प्रकाशन’ आ ‘मानव आर्ट’ निर्मली। 

किछुदिन पूर्व ओ बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुरसँ मैथिलीमे पी.एच-डी.क उपाधि प्राप्त केलनि। हुनकर शोध प्रबन्धक विषय ‘मैथिली साहित्यमे जगदीश प्रसाद मण्डलक रचनामे परिवर्तनक स्वर’ छल। ओहीक्रममे ओ श्री जगदीश बाबूक रचनासभक जबरदस्त अध्ययन आ चिन्तन-मनन केलनि। तकरासभकेँ काजगपर उकेरलनि। बहुत किछु शोध प्रबन्धमे उपयोग भेलनि। मुदा ओहीक्रममे बहुत रास सामग्री, आलेख, अन्वेषण हुनका लग उपलब्ध भेलनि जे बँचले रहि गेल, शोध प्रबन्धमे कतिपय कारणसँ नहि जा सकल। मुदा ओ सभ अछि बहुत उपयोगी, जानकारीसँ भरल। जगदीश बाबूक रचना संसार बहुत व्यापक छनि से तँ सभगोटे जनिते छी। सभटा किताब केओ पढ़ि सकताह केओ नहि पढ़ि सकताह। मुदा प्रस्तुत पोथी- ‘मुक्तपुरुष’मे सङ्कलित निबन्धसभ पढ़लासँ हुनकर साहित्यिक कृति एवम् व्यक्तित्वक बारेमे सहजतासँ बहुत रास जानकारी भेटि जेतनि। 

पुस्तक पढ़लासँ लगैत अछि जे उमेशजी कतेक मेहनतिसँ अपन शोधक काज केलनि। हुनका एहिमे कतेक मोन लगलनि जे एतेक दुरुह काजकेँ सरल रूपमे सभक सामनेमे आनि सकलथि। निश्चय ओ वधाइक पात्र छथि। हमरा विश्वास अछि जे हिनकर ई पोथी, ‘मुक्तपुरुष’क बहुत स्वागत कएल जाएत, पाठक लोकनि एकरा मोनसँ पढ़ताह आ लाभान्वित हेताह आ जल्दीए एकर दोसरो खण्ड प्रकाशित होएत आ हेबे करत।


शुभकामना सहित,


रबीन्द्र नारायण मिश्र 

ग्रेटर नोएडा 

५.१२.२०२१ 


 



अनुक्रम


जगदीश प्रसाद मण्डलक व्यक्तित्व ओ कृतित्वक दिग्दर्शन/09 

 ‘गामक जिनगी’मे जिजीविषा/31

‘जीवन-संघर्ष’मे समाजक विराट रूप/55

जगदीश प्रसाद मण्डलक ‘सुभिमानी जिनगी’/74

‘मुड़ियाएल घर’क रूप-रेखा/84

‘अर्द्धांगिनी’क परिचय/93 

‘रहै जोकर परिवार’मे परिवर्तनक स्वर/104

‘भकमोड़’मे परिवर्तनक स्वर/109

जगदीश प्रसाद मण्डलक नाट्य कृतिक संक्षिप्त परिचय/120

जगदीश प्रसाद मण्डलक काव्य संसार/131 

जगदीश प्रसाद मण्डलक गद्य रचना केर शीर्षक ओ पात्र/173

मण्डलजीक कथा लेखन-क्रम/212


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