भकमोड़
मनमनियाँ औरहा (लौकही , मधुबनी जिला) कथा गोष्ठी (सगर राति दीप जरए)मे ऐगला गोष्ठीक निमंत्रण (निर्मली , सुपौल जिला) पड़ल। औरहासँ निर्मली गोष्ठीक बीचक जे कथा अछि ओ संकलनमे अछि। औरहामे एक गोरे प्रश्न उठौलैन जे एक्के लिखिनिहारक कथा दू-दू गोरे पढ़ै छैथ। प्रश्न नीक लागल। एते नीक लागल जे जवाब देबे बिसैर गेलौं। नीक ई लागल जे जँ गोष्ठियोक निविते दस-बीसटा कथा लिखा जाए तँ एकरा की कहबै ? औरहा निर्मलीक बीच एकटा भुतहा चौक अछि। रस्ता भकमोड़ छै , तँए संग्रहक नाओं ‘ भकमोड़ ’ छी। चलंत गोष्ठीक कथा केहेन हुअए ? ई प्रश्न मनमे उठल। समय एहेन विचित्र बनि गेल अछि जे सुचित्र खींचब कठिन भऽ गेल अछि , तँए कथामे एकरूपता नइ अछि। जहिना अनेको एकपेड़िया मिलि बहुपेरिया बनबैए तहिना भऽ गेल अछि। खाएर.. , चाहे जे अछि मुदा सभ कथा अपन-अपन परिचए तँ दइए रहल अछि। दुनू गोष्ठीक (औरहा-निर्मली) बीचक कथा , तहूमे हकरिया कथाक रूपमे लिखल गेल अछि तँए ई संग्रह निर्मली गोष्ठी (कथा मिलन सदाय-सगर राति दीप जरय)केँ सेवामे समरपित...। साहित्यक (मैथिली साहित्यक) दुर्भाग्य कही आकि सौभाग्य , मुदा रचनाकारक रचित रचना प्रकाशित नै भऽ पाबि रहल अ...
Comments
Post a Comment