TUTAIT MANAK JURAV Collection of Short and Seed Stories in Maithili Language by Umesh Mandal.
ISBN : 978-93-87675-66-7
`150/-
© Author
First published 2018
Published by : Pallavi Parkashan
Tulsi Bhawan, J.L.Nehru Marg, Ward No. 06, Nirmali, District- Supaul, Bihar : 847452
Mobile : 8539043668, 9931654742
Typeset
and Printed By : Manav
Arts, Nirmali (Supaul)
Cover
: The Sahu Printing press. Nirmali (Supaul) Pin : 847452
TUTAIT MANAK JURAV
Collection
of Short and Seed Stories in Maithili Language
by
Umesh Mandal.
All rights reserved. No Part of this
publication may be reproductd or transmitted, in any form or by any means,
without prior permission of the author and the publisher.
पोथीक मादे
प्रस्तुत
पोथीक कथा-सभ एक-लगाइत नहि लिखल अछि। 2008 इस्वीसँ आइ धरिक लिखल कथा सभ अछि।
पहिल कथा– दोस्ती, संग्रहक पहिल कथा अछि जे जनमानसमे प्रचलित
कथाक पुनर्लेखन छी। रहुआ संग्राममे आयोजित 64म ‘सगर राति दीप जरय’क गोष्ठीमे भाग लइक संयोग बनल।
ओहीठाम ऐ कथाक पाठ केने रही। किछु दिनक पछाइत ‘परहेज कथा’ लिखलौं जे बीहैन कथाक रूपमे अछि। कथा लेखन अही तरहेँ आरम्भ भेल। ‘सगर राति दीप जरय’क गोष्ठीमे जाए-आबए लगलौं। चारि
मासपर गोष्ठी होइत अछि। करीब-करीब सभ गोष्ठीमे भाग लैत रहलौं, कथा लिखि-लिखि पाठ करैत रहलौं, उत्साहित होइत
रहलौं। आइ वएह कथा-सभ एक संग्रहक रूपमे अपने लोकनिक हाथमे आएल अछि।
संग्रहक
नामकरण ‘टुटैत मनक जुड़ाव’ शुरूसँ निश्चय नहि कएल छल। शुरूमे
‘कनफेड़सँ मुँहफेड़’ संग्रहक नाओं रखने
रही। अन्तर्जालपर कएक-ठाम प्रस्तुतो कएल अछि। मुदा जखन पोथी छपैक संयोग बनल तँ
एकाएक मनमे आएल जे ‘टुटैत मनक जुड़ाव’
बेसी नीक होएत।
बहुतो
एहेन कथाकार छैथ जनिक सुझाव-सलाह कथा-लेखनमे महत्वपूर्ण रहल अछि। सगर राति दीप
जरय-गोष्ठीमे जानल-मानल कथाकार सभक उपस्थिति होइत अछि। वास्तवमे एक वर्कशॉप छी-
सगर राति दीप जरय। एकर अलाबे, हमरा संग एकटा ईहो संयोग रहल अछि जे जानल-मानल
साहित्यकार सभसँ नित्य-नूतन गप-सप्प होइत रहल अछि,
सलाह-सुझाव भेटैत रहल अछि। तेतबे नहि, विदेह ई-पत्रिकाक
सम्पादन कार्यक संयोग बनने सेहो बहुत लाभ भेल। अनेको रचनाक टंकन करब, वर्तनीकेँ देखब.., आदि-इत्यादि दिन-रातिक रूटिंग
जकाँ बनि गेल जइसँ जेतेक लाभ हेबक चाही से भेल।
पोथीमे संकलित सभ कथाक पाठ
गोष्ठीमे कएल अछि। जेकर सोलहन्नी विवरण अंकित करब सम्भव नहि भऽ सकल मुदा जे
स्मरणमे छल ओ कथाक अन्तमे अंकित कएल अछि। पोथी प्रकाशनमे किछु हड़बड़ी तँ भाइये
गेल किएक तँ मनमे छल जे 100म् गोष्ठीमे ऐ संग्रहक लोकार्पण करब। खाएर...। गामक गोष्ठी छी, बेरमामे गोष्ठी होमए जा रहल अछि, हमरा लेल
महत्वपूर्ण अछिए। किनको लेल जन्मस्थान महत्वपूर्ण होइते अछि। तँए, मात्र दस दिनक पेसतर सभटा कथा-सभकेँ एकठाम करि अपने सबहक सोझा अनलौं अछि।
ओना, किछु कथाकेँ अपूर्ण रहलाक कारणे छोड़ए पड़ल। खाएर...। ऐ
अल्प अवधिमे श्री नन्द विलास रायजीक आ श्री राम विलास साहुजीक योगदानकेँ नहि बिसैर
सकब। सभटा कथा सभकेँ पढ़ि-पढ़ि दुनू गोरे शाब्दिक अशुद्धि सभकेँ दूर केलैन। दुनू
बेकतीकेँ सादर धन्यवाद। q
उमेश मण्डल
निर्मली
20 मार्च 2018 कथा-सत्तैर
दोस्ती/10
आधा भगवान/12
जीविते नर्क/15
केते बेर/20
दूध/24
कोटाक चाउर/27
मुड़नक मुड़/31
सहोदरा नइ बना पेलौं/35
अपने गरदैन कटलौं/38
मुँहपुरखी/42
पैयाही बुधि/46
खिच्चा नेबो/50
टुटैत मनक जुड़ाव/56
उपराइर जमीन/60
शर्त्त/64
माटिक जाँच/69
जेहेन मन तेहेन जिनगी/75
परहेज/78
कुसियारक मारि/80
रूपैआक ढेरी/83
अमैआ भार/85
ठेकान/92
मानि नहि पानि/94
महिरम/96
टटका पनचैती/99
कनफेड़सँ मुँहफेड़/100
Comments
Post a Comment