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Showing posts from September, 2020

#जेपीएम #Jpm #मैथिलीसाहित्य #जेपीएमरचना

ARDHANGANI  (अर्द्धांगिनी)  Collection of Short Stories by Sh. Jagdish Prasad Mandal  ISBN : 978-93-87675-15-5 दाम : 251/- (भा.रू.)  सर्वाधिकार © श्री जगदीश प्रसाद मण्डल  चारिम संस्‍करण : 2018 (पहिल संस्करण 2013) प्रकाशक : पल्लवी प्रकाशन   तुलसी भवन, जे.एल.नेहरु मार्ग, वार्ड नं. 06, निर्मली  जिला- सुपौल, बिहार : 847452  वेबसाइट : http://pallavipublication.blogspot.com  ई-मेल : pallavi.publication.nirmali@gmail.com  मोबाइल : 6200635563; 9931654742   प्रिन्ट : मानव आर्ट, निर्मली (सुपौल) आवरण : श्रीमती पुनम मण्डल, निर्मली (सुपौल)  बिहार : 847452   ऐ पोथीक सर्वाधिकार सुरक्षित अछि। प्रकाशक अथवा कॉपीराइट धारकक लिखित अनुमतिक बिना पोथीक कोनो अंशक छाया प्रति एवं रिकॉडिंग सहित इलेक्‍ट्रॉनिक अथवा यांत्रि‍क, कोनो माध्यमसँ अथवा ज्ञानक संग्रहण वा पुनर्प्रयोगक प्रणाली द्वारा कोनो रूपमे पुनरुत्पादित अथवा संचारित-प्रसारित नहि कएल जा सकैत अछि।  कथा-सत्तैर ग्राम्यजीवनक सत्यक संवाहक : अर्द्धांगिनी/07 दोहरी मारि/21 केना जीब/28 नवान/33 तिलासंक्रान्तिक लाइ/43 भाइक सिनेह/52 प्रेमी/58 बपौती सम्‍पैत/69 डंका/80

#अर्द्धांगिनी #मैथिलीसाहित्य #जेपीएमरचना

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ग्राम्यजीवनक सत्यक संवाहक : अर्द्धांगिनी डॉ. योगानन्द झा श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल बहुआयामी रचनाकारक रूपमे मैथिली जगतमे प्रसिद्ध छथि। कथा-कविता-नाटक-उपन्यासादि विधाकेँ ई अपन स्वर्णलेखनीसँ सजबैत रहला अछि। हिनक समस्त रचना हिनका मिथिला-मैथिलक लोकजीवनक प्रत्यक्षदर्शी ओ व्याख्याताक रूपमे प्रस्तुत करैत रहलनि अछि। लोकजीवनक यथार्थकेँ यथावत् चित्रित कऽ मानवीय संवेदनाकेँ उद्बुद्ध करब हिनक रचना सबहक प्रधान विशष्टता रहलनि अछि। प्रतिभा , व्युत्पत्ति‍ ओ अभ्‍यास एहि तीनू कारकसँ सम्बलित हिनक रचनावलीमे मिथिला-मैथिलक समस्‍या ओ तेकर समाधानक दिशा भेटैत अछि। वर्त्तमान जीवनमे होइत नित्य नूतन परिवर्त्तनक खण्‍ड चित्रकेँ यथावत् प्रस्तुत करब हिनक कथाक विषय-वस्तु रहलनि अछि जेकरा ई सहज रीतियें प्रस्तुत करैत रहल छथि। मण्‍डलजीक कथा सभ मिथिलाक माटि-पानिक कथा छी। हिनक कथा सभमे मिथिलाक ग्राम्य जीवनक आशा-निराशा , सुख-दु:ख , हर्ष-उल्‍लास आ जीवन-संघर्षक व्याख्या भेटैत अछि। मिथिलाक सामाजिक-आर्थिक ओ राजनीतिक जीवनमे होइत परिवर्त्तन सभकेँ सूक्ष्म मनोवैज्ञानिक विश्लेषण द्वारा ई अपन कथा सभकेँ प्रवाहमयता , रोचकता ओ विश

मुराम जगह #मैथिली कथा #जगदीश प्रसाद मण्डल

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आने गाम जकाँ कुमारघाट सेहो एकटा गाम अछि। गामक चौबगली गाम जहिना ऊँचगर अछि , जइसँ चासक संग बासो ऊँचगर रहने नीक सेहो अछिए। ओना , गाममे अखन , वर्तमानमे कोनो धार-धुर नहि अछि , जे अछियो से गामसँ आठ-दस किलोमीटर हटले अछि , मुदा गामक किछु गहींर जमीन , जे उत्तरसँ दच्छिन मुहेँ अछि , ओकरा लोक अखनो नदीए कहैए। आन-आन खेतसँ माटियो भिन्न अछिए। माने ई जे गामक जेते जमीन अछि , ओ अछि मटियार , खरिआइ , चिक्कैन इत्यादि , आ नदीक बगलक जे जमीन अछि ओ दोरस , दोमट अछि आ नदी पेटक जे माटि अछि ओ गोंगा बाउल आ दोखरा बालुक तँ नहि अछि मुदा मेहिकी कोसिपुरिया बाउल जरूर अछि। गहींरगर रहने आने गहींर खेत जकाँ फसल सेहो होइते अछि। लोकक अबाहि भेने गाम-समाजक जनसंख्या सेहो बढ़िते आबि रहल अछि। जखने जनसंख्याक बढ़ोत्तरी हएत तखने भीनौज भेने , परिवारमे भीन-भीनौज भेने घर-अँगना बढ़बे करत , जइसँ घराड़ीक खगता बढ़बे करैए। से कुमारघाटमे सेहो भेल जइसँ नदीकेँ , माने मुइलहा नदीकेँ भरि-भरि घर-अँगना सेहो करीब पचास गोरे बना नेने छैथ। गामक माटिये जकाँ गाममे अनेको जातिक बास सेहो अछिए। ऐठाम ई नहि कहए चाहै छी जे गाम भलेँ सभ जाइतिक किए ने हुअए मुदा कहबैए